Tuesday, 22 May 2012

मुक्तक


पढ़ना   चाहो तो  भूंख प्यास के इतिहासों को पढ़ा करो,
किसी की तड़पन दर्द सिसकियों को त्रासों को पढ़ा करो.
महल  -  दुमहले  कहाँ   सच्चे जीवन का दर्शन,
बुझे यौवन रोते से मन जिंदा लाशों को पढ़ा करा.

मुक्तक



ज़िन्दगी आगमन है बिदाई है ये,
हँसते गाते लम्हों की रुबाई है ये.
जिसने हंस के जिया ये बनी दिलरुबा,
वर्ना कडुवे रसों की मिठाई है ये.

Monday, 21 May 2012

कवियों की उड़ान







 
 कवियों की  अनमोल शक्ति का अनुमान लगाना मुश्किल है,
बौधिक  बल  व  इनके ज्ञान की  थाह  भी  पाना मुश्किल है.
ये  स्वछन्द  -  निर्भीक  खंजन  हैं  जहाँ  चाहें   उड़  जाते हैं,
फिर  समेट  कर अन्नय  भाव  को गा  कविता में सुनाते हैं,
इनकी  उड़ान व  सूझ - बूझ का पार  भी  पाना  मुश्किल है,
कवियों की अनमोल शक्ति का अनुमान लगाना मुश्किल है.