गीत बोल उठे
जीवन टूटते, संवरते विचारों की एक डगमगाती नौका है जो सांसों की लहरों और सामाजिक भंवरों में निरंतर डूबती और उबरती हुई अपना रास्ता बनाती चलती है. इस दौरान जीवन में अनेक खट्टे-मीठे और मनोरम पड़ावों की अनुभूति होती है . याद रह जाते हैं तो केवल जिन्दगी के मुस्कराते और गुदगुदाते हुवे क्षण और ये क्षण ही हमारी प्रेरणा व उर्जा बन कर हमारी जीवन नौका को आत्म विश्वास व रोचकता प्रदान करते हुवे निश्चित लक्ष्य की ओर प्रेरित करते हैं.

Tuesday, 22 May 2012
Monday, 21 May 2012
कवियों की उड़ान
कवियों की अनमोल शक्ति का अनुमान लगाना मुश्किल है,
बौधिक बल व इनके ज्ञान की थाह भी पाना मुश्किल है.
ये स्वछन्द - निर्भीक खंजन हैं जहाँ चाहें उड़ जाते हैं,
फिर समेट कर अन्नय भाव को गा कविता में सुनाते हैं,
इनकी उड़ान व सूझ - बूझ का पार भी पाना मुश्किल है,
कवियों की अनमोल शक्ति का अनुमान लगाना मुश्किल है.
बौधिक बल व इनके ज्ञान की थाह भी पाना मुश्किल है.
ये स्वछन्द - निर्भीक खंजन हैं जहाँ चाहें उड़ जाते हैं,
फिर समेट कर अन्नय भाव को गा कविता में सुनाते हैं,
इनकी उड़ान व सूझ - बूझ का पार भी पाना मुश्किल है,
कवियों की अनमोल शक्ति का अनुमान लगाना मुश्किल है.
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